SQL स्ट्रक्चर क्वेरी लैंग्वेज (STRUCTURE QUERY LANGUAGE)
दोस्तों बहुत सरे लोंगो के मन में यह भ्रान्ति है की SQL एक सॉफ्टवेर है | पर यह सही नहीं है SQL एक लैंग्वेज है जिसके माध्यम से हम डेटाबेस में डाटा को स्टोर करा सकते है , डाटा को विभिन्न फोर्मेट में दिखा सकते है , डाटा में यदि कोई परिवर्तन करना है तो भी कर सकते है यह तो मैंने बात की डाटा की |
SQL के माध्यम से हम डेटाबेस में भी परिवर्तन कर सकते है जैसे डेटाबेस का नाम परिवर्तित करना , डेटाबेस के ऑब्जेक्ट्स में परिवर्तन करना | यहाँ मैंने डेटाबेस के ऑब्जेक्ट कहा है , डेटाबेस में बहुत सरे ऑब्जेक्ट होते है जैसे टेबल , व्यू , synonyms , indexes , प्रोसीजर , फंक्शन आदि | इसके बारे में आगे मै विस्तार में जानकारी दूंगा |
अगर हम डेटाबेस की बात करे तो यह वह स्थान है जंहा हमारा डाटा रखा जाता है टेक्निकली हम कहे तो डेटाबेस एक RDBMS सॉफ्टवेर है जिसमे हम SQL लैंग्वेज का प्रयोग करके डाटा को मैनेज करते है | यहाँ पर डाटा को टेबल में रखा जाता है हम आप ने एक्सेल का प्रयोग तो किया ही है जिसमे ROW और COLUMN होते है हम डाटा को रो और कॉलम से ही समझते है किस रो में क्या डाटा है और किस कॉलम में क्या डाटा है | हम कह सकते है की टेबल रो और कॉलम से मिल कर बनती है |
१. डी . डी . एल (DDL)
२. डी . एम . एल (DML)
३. डी . सी . एल (DCL)
४. टी . सी . एल (TCL)
अब हम इन्हें विस्तार से समझते है :
यह कुछ SQL के संबंध में जरूरी जानकारियां है जो मैंने संक्षिप्त में बताई आगे हम और विस्तार में पढेंगे |
SQL को कार्य के अनुसार विभिन्न लैंग्वेजो में वर्गीकरण किया गया है :
१. डी . डी . एल (DDL)
२. डी . एम . एल (DML)
३. डी . सी . एल (DCL)
४. टी . सी . एल (TCL)
अब हम इन्हें विस्तार से समझते है :
१. डी . डी . एल (DDL) : डी.डी.एल लैंग्वेज का प्रयोग डेटाबेस में किसी भी ऑब्जेक्ट के स्ट्रक्चर को निम्न कमांड के द्वारा मैनेज किया जाता है :
- क्रिएट (CREATE) कमांड : किसी भी ऑब्जेक्ट के स्ट्रक्चर बनाने या क्रिएट करने के लिए किया जाता है |
- अल्टर (ALTER) कमांड : किसी भी मौजूद (EXISTING) ऑब्जेक्ट में परिवर्तन के लिए किया जाता है |
- ड्राप (DROP) कमांड : किसी भी मौजूद (EXISTING) ऑब्जेक्ट को मिटने (DELETE) करने के लिए किया जाता है |
- रीनेम (RENAME) कमांड : किसी भी मौजूद (EXISTING) ऑब्जेक्ट के नाम में परिवर्तन के लिए किया जाता है |
- ट्रंकेट (TRUNCATE) : किसी भी मौजूद (EXISTING) ऑब्जेक्ट को परमानेंट मिटने (DELETE) करने के लिए किया जाता है |
२. डी . एम . एल (DML) : डी.एम.एल किसी भी टेबल में डाटा को इन्सर्ट (INSERT) करने और डाटा को मैनेज करने के लिए किया जाता है |इसको करने के लिए निम्न लिखित कमांड का प्रयोग किया जाता है |
- इन्सर्ट (INSERT) : इन्सर्ट कमांड का प्रयोग टेबल में नया डाटा इन्सर्ट करने के लिए किया जाता है |
- अपडेट (UPDATE) : अपडेट कमांड का प्रयोग मौजूदा डाटा को परिवर्तित करने के लिए किया जाता है |
- डिलीट (DELETE) : डिलीट कमांड का प्रयोग मौजूदा डाटा को हटाने के लिए किया जाता है |
- मर्ज (MERGE) : मर्ज कमांड का प्रयोद दो या उससे ज्यादा टेबल के डाटा को मर्ज करने के लिए किया जाता है |
३. डी . सी . एल (DCL) : डी.सी.एल का मतलब डाटा कंट्रोल लैंग्वेज (DATA CONTROL LANGUAGE) होता है | इसका प्रयोग यूजर को अनुमति(PERMISSION) प्रदान करने या वापस(REVOKE) करने के लिए किया जाता है |इसके लिए निम्न लिखित कमांड का प्रयोग किया जाता है :
- ग्रांट (GRANT) : ग्रांट कमांड का प्रयोग अनुमति प्रदान करने के लिए किया जाता है |
- रेवोके (REVOKE) : रेवोके कमांड का प्रयोग अनुमति वापस लेने के लिए किया जाता है |
४. टी . सी . एल (TCL) : टी.सी.एल का मतलब ट्रांजीशन कंट्रोल लैंग्वेज(TRANSACTION CONTROL LANGUAGE) इसका प्रयोग किसी भी ट्रांजीशन को मैनेज करने के लिए किया जाता है ट्रांजीशन को आने वाले पोस्ट में हम डिटेल मेंसमझेंगे | इसमें निम्न लिखित कमांड का प्रयोग किया जाता है :
- कमिट (COMMIT) : किसी ट्रांजीशन में जब हम कोई डी.एम.एल(DML) कमांड चलते है उससे हुए परिवर्तन को स्थाई रूप से डाटाबसे में सेव(SAVE) करने के लिए कमिट कमांड का प्रयोग किया जाता है |
- रोलबैक (ROLLBACK) : किसी ट्रांजीशन में जब हम कोई डी.एम.एल(DML) कमांड चलते है उससे हुए परिवर्तन को स्थाई रूप से डाटाब से हटाने के लिए रोलबैक कमांड का प्रयोग किया जाता है | इसे आप UNDO जैसा ही समझे जैसे हम MSWORD या किसी एप्लीकेशन में किसी किये चेंज को वापस लेन के लिए (CTRL + Z ) करते है |
- सेव पॉइंट (SAVE POINT) : सवेपोइंट का प्रयोग बहुत सरे ट्रांजीशन को मैनेज करने के लिए किया जाता है उसको लेबलिंग करके | इसको विस्तार में आग देखेंगे |
यह कुछ SQL के संबंध में जरूरी जानकारियां है जो मैंने संक्षिप्त में बताई आगे हम और विस्तार में पढेंगे |
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